यह U.P. की सरज़मीन है

Saturday, March 5, 2011
यह उ.प की सरज़मीन है
कभी यहाँ   राम राम  कहा जाता था अब कांशी राम कहा जाता है
गौ माता की जगह  गुलाबी रंग के पत्थर के हाथी के बुतों  ले ली है
भगवान्  के भक्तों  की संख्या चाहे ना बढ़ी हो पर बहनजी  के चमचों  की संख्या दिन  पर दिन बढ़ रही है
राम, कृष्ण, विष्णु,  देवताओं  के लिए यहाँ कोई जगह  नहीं है
क्यूंकि यहाँ  रावण कंस दुर्योधन दुशासन  को खुले घुमने की आज़ादी है.
द्रौपती के चीर हरण पे किसी भीम का खून नहीं खौलता, वो कहीं लापता है




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