लड़की को लेके हमारे पूर्वाग्रह बहुत पुराना हैं
किसी धर्म में श्रृष्टि की पहली महिला हव्वा, सृष्टि के पहले पुरुष आदम की पसली से पैदा होती है
किसी धर्म में वो शौहर की खेती कहलाती है
किसी धर्म में उसे बहुत सारी अग्नि परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है
लड़की तो हमारे दुआओं में भी नहीं आती है
हम दुआएं भी देते है तो अक्सर कहते हैं
"दूधो नहाओ पूतो फलो"
लड़की की कामना कोई नहीं करता है
क्या हमने लड़की को अपने तसब्बुर से भी खारिज कर दिया है
--copied
किसी धर्म में श्रृष्टि की पहली महिला हव्वा, सृष्टि के पहले पुरुष आदम की पसली से पैदा होती है
किसी धर्म में वो शौहर की खेती कहलाती है
किसी धर्म में उसे बहुत सारी अग्नि परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है
लड़की तो हमारे दुआओं में भी नहीं आती है
हम दुआएं भी देते है तो अक्सर कहते हैं
"दूधो नहाओ पूतो फलो"
लड़की की कामना कोई नहीं करता है
क्या हमने लड़की को अपने तसब्बुर से भी खारिज कर दिया है
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